रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 मई को हर वर्ष 'झीरम श्रद्धांजलि दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में शनिवार को अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया. अब हर वर्ष 25 मई को शासकीय और गैर शासकीय कार्यालयों में झीरम घाटी के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और राज्य को फिर से शांति का टापू बनाने की शपथ ली जाएगी.
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में 25 मई के दिन ही झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं और उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. इस नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. उन्हीं की याद में भूपेश बघेल ने 25 मई को प्रतिवर्ष झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया है.
झीरम घाटी नक्सली हमले में 32 लोगों की जान गई थी. दिग्गज कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा और तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल की इस हमले में मौत हो गई थी. यह हमला बस्तर जिले के दरभा इलाके के झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा काफिले पर हुआ था. आपको बता दें कि इस हमले को कांग्रेस सुपारी किलिंग करार देती है. कांग्रेस ने राज्य की सत्ता में आने के बाद दोबार इस नक्सली हमले की जांच शुरू कराई है.