जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के मंत्री जी का अपना अलग लॉजिक है। कई बार लोग उनके तर्क सुनकर हैरान रह जाते हैं और तर्क भी ऐसे की दिमाग उलझा कर रख दें। प्रदेश के आबकारी और उद्योग मंत्री कवासी लखमा अपनी इसी लाजवाब खासियत की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। एक आम बस्तरिहा की सोच के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री कवासी लखमा इस सरकार का हिस्सा बने हैं। कई बार अपनी बातें रखते वक्त उसमें इतना डूब जाते हैं कि निष्छल मन भावनाओं की बाढ सी ला देता।
मंत्री लखमा ने बुधवार को कहा कि शराब पीने से ताकत बढती है। वैसे तो यह शोध का विषय है, लेकिन उन्होंने अपनी बात को सही ठहराने के लिए बाकायदा कई तर्क भी पेश किए। उन्होंने इस बातचीत के दौरान शराब के कई फायदे गिनाए और इसे छत्तीसगढ के मेहनतकश मजदूरों की महत्वपूर्ण जरूरत बताया। इसके साथ ही राज्य में शराब बेचे जाने के फैसले को उन्होंने केंद्र के द्वारा थोपा गया फैसला भी करार दिया।
मेहनतकश लोगों का प्रदेश है, इन्हें शराब की जरूरत पड़ती है
अमरकंटक तीर्थ यात्रा से बस्तर लौटे आबकारी मंत्री कवासी लखमा की बुधवार को पत्रकारों से चर्चा चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई। कवासी बोले कि छत्तीसगढ़ मेहनतकश मजदूरों और किसानों का प्रदेश है। मेहनत करने वालों को शराब की जरूरत पड़ती है। शराब पीने से ताकत बढ़ने का दावा भी उन्होंने किया। फिर बोले कोरोना संक्रमणकाल के दौरान राज्य सरकार ने नहीं केंद्र सरकार ने शराब दुकानों को खोलने का निर्णय लिया है। केंद्र के निर्देश पर दुकानें खुली हैं। हम केंद्र के निर्देश का बस पालन कर रहे हैं।
मंत्री कवासी लखमा की इन बातों में काफी गहराई भी थी। वे इस बातचीत में एक तीर से दो शिकार खेल गए। एक तरफ उन्होंने शराब को छत्तीसगढ़ के मेहनतकश लोगों की जरूरत कहकर उनका दिल जीत लिया जो शराब के लिए पैसे की बाढ ला देते हैं और दूसरी तरफ कोरेाना काल में शराब दुकान खोले जाने को लेकर सरकार की जो आलोचना हो रही है उसका ठीकरा उन्होंने सीधे केंद्र सरकार पर फोड़ दिया।