रायपुर. राज्य सरकार की तरफ से अस्पतालों में बेड की कमी होने के कारण कम गंभीर और बिना लक्षणों वाले मरीजों को होम आइसोलेशन (Home Isolation) (घर पर ही परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों से अलग) में रहकर इलाज कराने की सशर्त इजाजत दी गई है। लेकिन, कुछ लोग लापरवाही बरतकर खुद की जान संकट में डाल रहे हैं।
प्रदेश में होम आइसोलेशन में रहने वाले 1349 कोरोना संक्रमित कोविड सेंटर, निजी व सरकारी अस्पताल में रेफर हुए हैं। इनमें से कुछ की मौत भी हो चुकी है। प्रदेश में अब तक 145247 पॉजिटिव मिले हैं, जिसमें से अस्पताल से 63468 व होम आइसोलेशन से 53273 ठीक होकर डिस्वार्ज हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोगों में धारण बनी हुई है कि डॉक्टर बचा लेंगे, जबकि यह गलत है। कोरोना का संक्रमण ऐसा है जिसमें डॉक्टर सिर्फ इलाज कर सकते हैं।बेटी ने पीपीई किट पहनकर पिता को दी मुखाग्नि, वीडियो से परिवार को कराया अंतिम दर्शन
उससे बचाव पूरी तरह मरीज की जागरूकता पर निर्भर करता है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को फार्म भरते समय एक अंडरटेकिंग डॉक्टर का नाम देना पड़ता है, जो 10 दिनों तक उनकी निगरानी करते हैं। मरीजों को ऑक्सोमीटर व थर्मामीटर रखना भी अनिवार्य होता है। 24 घंटे में तीन बार पल्स, ब्लड प्रेशर व टेंपरेचर नोट अंडरटेकिंग करने वाले डॉक्टर को भेजना होता है।
आपातकालीन नंबर की सुविधा
होम आइसोलेशन के लिए आपातकालीन सहायता नंबर 7566100283 है,जिसमें पर फोन कर सभी जानकारी ली जा सकती है। दक्ष कार्यालय आपातकालीन सहायता केंद्र कमांड सेंटर के आपातकालीन सहायता नंबर 07714320202 तथा कलेक्टर के फोन नंबर 07712445785 पर कोरोना से संबंधित कोई जानकारी ली जा सकती है।
आंकड़ों में अब तक
697 होम आइसोलेशन से कोविड सेंटर रेफर 377 होम आइसोलेशन से अस्पताल रेफर 275 होम आइसोलेशन से निजी अस्पताल रेफर 172 मरीजों तक नही पहुंची दवाप्रदेश में सितंबर से मरीजों को होम आससोलेशन की सुविधा जारी है। रायपुर जिले में होम आइसोलेशन का लाभ अब तक 14243 मरीजों ने उठाया है, जिसमें से 11816 डिस्चार्ज हो चुके हैं। होम आइसोलेशन के जिला नोडल अधिकारी डॉ. अबरार आलम ने बताया कि अब तक 52 लोग कोविड सेंटर, 52 सरकारी अस्पताल तथा 64 निजी अस्पताल रेफर हो चुके हैं। घर में रहने वाले 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
होम आइसोलेशन में इन बातों का रखें
ख्याल 17 दिन घर के बाकी सदस्यों के संपर्क में न आएं व बाहर न निकलें घर पर पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मामीटर का इस्तेमाल करें डॉक्टर को अपनी तबीयत की जानकारी बराबर देते रहें मरीज हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहनें। 8 घंटे अंतराल के बाद
कम गंभीर और बिना लक्षणों वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाती है। घर में रहने वाले मरीजनियमों का पालन करके ही ठीक हो सकते हैं।
डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एंव अध्यक्ष स्टेट डेथ ऑडिट कमेटी, स्वास्थ्य विभाग
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को भी जागरूक होना होगा। अंडरटेकिंग लेने वाले डॉक्टर को अपनी तबीयत की जानकारी बराबर देते रहना चाहिए ताकि उन्हें इलाज करने में सहुलियत रहे।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर