बिलासपुर। Coronavirus Chhattisgarh Update मौसम में परिवर्तन के साथ ही मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में कोरोना,मलेरिया और चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण इलाज में बड़ी बाधा है। केंद्र सरकार ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है। साथ ही राज्य शासन को अलर्ट कर दिया है। तीनों बीमारी में पहले व्यक्ति को बुखार ही आता है। डेंगू,मलेरिया,चिकनगुनिया और कोविड-19 कोरोना। चार अलग-अलग बीमारियां,लेकिन चारों में बुखार शुरुआती सामान्य लक्षण हैं।
मानसून की आहट के साथ ही अब संक्रामक रोगों को खतरा भी बढ़ गया है। मलेरिया और डेंगू जैसे संक्रामक बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की सक्रियता अब तक नजर नहीं आई है। दूरस्थ वनांचलों में मलेरिया का प्रकोप हर साल बढ़ता है। मौसमी बीमारियों खासकर इन संक्रामक रोग के फैलाव के पहले ही कोरोना संक्रमण का दौर जारी है। लोगों में दहशत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
वहीं चिकित्सक इस बात को लेकर हैरान हैं कि संक्रामक रोग का बेफिक्री के साथ इलाज करते वक्त अगर कोई मरीज मलेरिया,डेंगू व चिकनगुनिया का मरीज न निकलकर कोरोना पॉजिटिव आ गया तब क्या होगा। इस भय और असमंजस के कारण संक्रामक रोग के मरीजों के इलाज से भी कतराने लगे हैं।
ये हैं लक्षण
कोरोना में फीवर पहले आता है। चिकनगुनिया,मलेरिया और डेंगू में भी यही लक्षण शुरुआती दिनों में दिखाई देते हैं। डेंगू बुखार का पीरियड एक हफ्ते का होता है। और यह चौथे या पांचवे दिन पूरी तरह समझ में आ जाता है।
इस पर दे रहे जोर
संक्रामक बीमारी के इलाज करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि मरीज की हिस्ट्री लेना जरूरी है। अगर बुखार है तो मरीज कंटेनमेंट जोन से तो नहीं आया है। ऐसे में उसे कोविड-19 के संदिग्ध मरीज की तरह देखा जाएगा। बुखार वाले मरीज की हिस्ट्री के अलावा जान पहचान वालों की हिस्ट्री,परिवार में कोई कोरोना संक्रमित तो नहीं हुआ है,किस क्षेत्र से आया है। रेड जोन से तो नहीं। अगर रेड जोन से आया है तो वहां कोविड का क्या स्टेटस है ।
- मौसमी बीमारी से संक्रमित मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। बुखार पीड़ितों को कोरोना संदेही मानकर पहले उनका सैम्पल लिया जा रहा है। रिपोर्ट में संक्रामक बीमारी का लक्षण आने पर संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सकों को सावधानी बरतना जरूरी है। बारिश के दिनों में मलेरिया,डेंगू और चिकनगुनिया की शिकायत बढ़ जाती है। संक्रामक बीमारी और कोविड-19 का शुरुआती लक्षण बुखार ही होता है। इलाज के दौरान सतर्कता बरतना जरूरी है। - डॉ.विवेक शर्मा-डिप्टी एमएस,सिम्स
- मौसमी बीमारी में भी शुरुआत में फीवर ही आता है। कोविड का शुरुआती लक्षण भी फीवर ही है। ऐसे में सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। अस्पताल में मरीजों की भीड़ भी रहती है। सतर्कता बरतने के साथ ही बुखार पीड़ित व परिजनों का स्टेटस जानना अब जरूरी हो गया है। - डॉ.प्रवीण कालविट-एमडी मेडिसीन व मधुमेह रोग विशेषज्ञ