बीजिंग। चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों और हांगकांग के नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों के उल्लंघन की खबरों के बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से देश में जातीय अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों को सुरक्षित रखने का आग्रह किया है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'हम जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं। ब्लैक लाइफ मायने रखती है। उनके मानवाधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव अमेरिका में एक सामाजिक मुसीबत बना हुआ है। अभी जो कुछ हो रहा है वह एक बार फिर से पुलिस द्वारा नस्लीय भेदभाव और हिंसक कानून प्रवर्तन की गंभीरता को दर्शाता है और अमेरिका को जल्द इस मु्द्दों पर बात करने की आवश्यकता है।'
उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि अमेरिकी सरकार अमेरिका में जातीय अल्पसंख्यकों के कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय भेदभाव के सभी रूपों के उन्मूलन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तहत अपने उचित दायित्वों को पूरा करने के लिए ठोस उपाय अपनाएगी।
सोमवार को (स्थानीय समय), अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ट्वीट किया, 'संयुक्त राज्य उइघुर और अन्य अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ जबरन जनसंख्या नियंत्रण के उपयोग की निंदा करता है और सीसीपी पर अपने दमन के अभियान को बंद करने का आह्वान करता है। आज हम कैसा काम कर रहे हैं उसको इतिहास तय करेगा।'
इस बीच, एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, उन्होंने कहा कि चीन के दमन के निरंतर अभियान ने इस तथ्य को दोहराया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को मानव जीवन और बुनियादी मानवीय गरिमा के लिए कोई सम्मान नहीं है। बता दें कि अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, झिंजियांग के शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। सीएनएन ने बताया कि इन शिविरों में उन्हें शारीरिक और यौन शोषण, जबरन श्रम, और मृत्यु तक का सामना करना पड़ रहा है। यह अमानवीय क्रूरता है।